वनस्पतियों द्वारा अलग-अलग ग्रहों की अनिष्टता शांत करने हेतु – तेजस्वी तत्रं …
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अनिष्ट एवं क्रूर ग्रहों के रत्न धारण करने से या अनुष्ठान करने से ग्रहों की अनिष्टता का शमन होता है. परन्तु ज्योतिष शास्त्र के उपाय अत्यंत कीमती एवं अत्यधिक परिश्रमी होते हैं. जो गरीब एवं निसहाय मनुष्यों के लिए मुश्किल होता है. अतः वनस्पतियों द्वारा सहज उपचारों का प्रतिपादन तंत्र शास्त्र में किया गया है जिनमें धन, श्रम और समय अत्यधिक खर्च नहीं होता है.
जिस मनुष्य पर ग्रहों की ख़राब दशा आती है तब वह अशांति, रोग, दरिद्रता, असफलता एवं विभिन्न प्रकार की विपत्तियों से घिर जाता है. कुछ ग्रहों की दशा तो इतनी भयंकर होती है की मनुष्यों को म्र्त्युतुल्य कष्ट देती है या मार ही डालती है. एसी अवस्था में ग्रहों की अनिष्टता शांत करने हेतु प्रस्तुत है वनस्पतियों के धारण करने का अद्भुत चमत्कारी प्रयोग:-
सूर्य:- सूर्य यदि अनिष्ट की वर्षा कर रहे हों, तो रविवार के दिन बिल्व (बेलपत्तर) वृक्ष की जड़ तथा पत्ते का मूल भाग विधि पूर्वक आमंत्रित कर लाकर कट्ठी रंग ( कोका कोला रंग ) के कपडे में बंधकर दाहिनी भुजा या गले में धारण करने से सूर्यदेव धरनकर्ता पर प्रसन्न होकर अनिष्ट बरसाना बंद कर देते हैं और जातक सुखी जीवन जीने लगता है.