भारतीय सामुद्रिक चार्यों ने अँगुलियों के सोलग प्रकार बताये है.
1- अवलित या सुपष्ट अंगुली – एसा जातक धनवान, भाग्यवान व् यशवान होता है.
2- छोटी अंगुली – एसा जातक बुद्धिमान व् बात को शीघ्र समझने वाला होता है.
3- लम्बी अंगुली – एसा व्यक्ति संतान व् परिवार वाला दीर्घायु होता है.
4- चपटी अंगुली – ऐसा व्यक्ति निर्धन, क्रोधी परन्तु दीर्घायु होता है.
5- पीछे को झुकती अंगुलियाँ – पीछे की और अंगुलियों को मोड़ने वाला जातकी चंचल-स्वभाव का और बात व् किसी काम की जल्दी-जल्दी निबटाने बाला होता है.
6- चपटी अंगुलियाँ – एसा जातक निर्धन परन्तु परिश्रमी होता है.
7- फटी हुई अंगुलियाँ – एसा जातक निर्ध्न्होने पर भी परिश्रम करके अपने परिवार का पालन किया करता है.
8- रुखी-अंगुलियाँ – एसा जातक परिश्रमी बड़े परिवार बाला मेहनत से धन कमाने वाला हुआ करता है.
9- छोटी-अंगुलियाँ – एसा जातक लज्जावान व् अपने काम में लगा रहता है.
10- उची-नीची अंगुलियाँ – एसा जातक परिश्रमी बड़े परिवार वाला मेहनत से धन कमाने वाला हुआ करता है.
11- टेढ़ी-मेढ़ी अंगुलियाँ – एसा जातक कठोर परिश्रमी व् हथियारों वाला होता है.
12- केशों वाली अंगुलियाँ – एसा जातक कठोर परिश्रमी व् हथियारों वाला होता है.
13- बहुत ही छोटी अंगुलियाँ – एसा जातक विपत्ति में गबरा जाने पर भी मेहनत करने से पीछे नहीं हटता और अंत में सफलता को प्राप्त कर लिया करता है. ऐसे जातक को कम दिमाग वाला भी कहा जाता है.