बैशाख शुक्ला एकादशी मोहिनी एकादशी के नाम से प्रसिद्ध है.
कथा :-
एक राजा के कई पुत्र थे. उनमें से एक राजकुमार बड़ा ही व्यभिचारी, दुर्जनसंग, बड़ों का अपमान करने वाला था. राजा ने उससे तंग आकर उसे अपने राज्य से बहार निकल दिया. वह बनों में जाकर रहने लगा और ऋषि के आश्रम में पंहुचा.
ऋषि ने उसे सत्संगति का महत्त्व समझाया. इससे राजकुमार का ह्रदय परिवर्तित हो गया. वह अपने किए पाप कर्मों पर पछताने लगा. तब ऋषि ने उसे बैशाख शुक्ल एकादशी का व्रत करने की सलाह दी.
व्रत के प्रभाव से उस दुष्ट राजकुमार की बुद्धि निर्मल हो गई. आज भी यह व्रत श्रद्धा के साथ किया जाता है.